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Saturday, March 18, 2017

यादें ये तेरी . . . . . . . . . .



ये वादियाँ या वो वादियाँ न जाने कहाँ से आई तू ,

इस तपते मन की तन्हाई में मनभावन घटा सी छाई तू ,

जो तुझको था यूँ तरसाना फिर कुछ बूँदे क्यूँ बरसाई तू ,

क्यूँ तेरी पगली बातों से मेरा मन हरसाई तू ,

उन मोती जैसे अश्रु से क्यूँ मेरा मन पिघलाई तू ,

काश कि में वो नग होता जिसके तन में समाई हो तू ,

पर न जाने किस आंगन में नदियाँ सी जा इठलाई तू ,


ये वादियाँ या वो वादियाँ न जाने कहाँ से आई तू |

Monday, March 13, 2017

Premutation and Combination GL

Q. 1. :- शब्द ‘PEANUT’ के अक्षरों को अलग-अलग कितनी तरह से क्रमबद्ध किया जा सकता हैं ?
हल:-     इस प्रकार के Q. में हमें Formula = nCr   का प्रयोग करना होता है |
            यहाँ n  शब्द  में दिए गए अक्षरों की संख्या है जबकि r शब्द में दोहराए गए अक्षरों की संख्या है | इस सूत्र को निम्न प्रका से हल करते है -

n
Cr  = n!/r! यहाँ ! को 'फेक्टोरियल' पढ़ेंगे | अत: यह है ''फेक्टोरियल n बटे फेक्टोरियल r''
उदाहर्न्ताया - उपरोक्त Q. में जो शब्द है इसमें कुल 6 अक्षर है अतः इस में  n= 6  तथा  r= 1  लेंगे अतः हल निम्न प्रकार से होगा -

6
C1 = 6!/1!         इसका विस्तार तथा हल निम्न प्रकार से करेंगे -
  = 6*5*4*3*2*1/1 = 720ans
Q, 2 :-  शब्द ‘REPLACE’ के अक्षरों को भिन्न-भिन्न कितनी तरह से लगाये जा सकते है?
हल - यहाँ पर  n= 7  जबकी  r= 2 है
अतः  7C2 = 7!/2!= 7*6*5*4*3*2*1/2*1=2520ans          



DRC043434

कार्तीय निर्देशांक पद्धति

        यहाँ हम सबसे पहले इस शीर्षक का अर्थ समझने की कोशिश करते है | निर्देशांक पद्धति अर्थात किसी एक बिंदु की अवस्था या कहे कि स्थिति को निर्देशित करने के लिए व्यवस्था निर्देशांक अर्थात जो किसी बिंदु की स्थिति को निर्देशित करते है |
   
        अब देखते है किसी बिंदु की स्थिति  को निर्देशित किया कैसे जाता हैं !
       

        यहाँ हम मान  लेते है की Y-अक्ष हमारे कमरे की दीवार है जबकि X-अक्ष कमरे की फर्स है, तथा बिंदु P किसी व्यक्ति जो इस कमरे में खड़ा है का सिर हैं | अब हम सोचें  कि  इस आदमी के सिर की स्थति क्या है तो हमें दो चीजो की आबश्यकता होगी,पहली कि उसकी लम्बाई कितनी है अर्थात सिर की फर्स से दूरी कितनी है | चलो माना की उसकी लम्बाई 2 मीटर है परन्तु अभी भी हम उसके सिर की स्थिति फर्स तथा दीवार के सापेक्ष सही तरह से निर्धारित नहीं कर सकते है | इसके लिए हमें एक ओर मान, "उस आदमी की दीवार से दूरी का पता होना अवश्यक होगा अब यदि उसकी दीवार से दूरी 3 मीटर है तो अब हम उसकी स्थिति दीवार व फर्स के सापेक्ष ज्यादा सटीक निर्धारित कर सकते है | अभी भी आदमी की स्थति कमरे की लम्बाई के सापेक्ष परिवर्तित हो सकती है अर्थात यदि व्यक्ति  अपने सामने वाली दीवार की ओर आगे बढ़ता है या पीछे हटता है, तो निर्देशांको X व Y में कोई परिवर्तन नहीं होगा | इस परिवर्तन को निर्दिष्ट करने हेतु त्रिविम निर्देशांक पद्धति की आवश्यकता, होगी अभी हम केवल द्विविमीय निर्देशांक पद्धति की बात करते है | यहाँ यदि व्यक्ति अपनी बाई या दांयी तरफ गति करता है अर्थात यदि व्यक्ति X-अक्ष पर गति करता है तो यहाँ x का मान परिवर्तित होगा जबकि व्यक्ति यदि बैठता या झुकता है, तो उसकी ऊंचाई में परिवर्तन y  में परिवर्तन को दर्शाता है | जबकि बिंदु की जबकि बिंदु की  Y-अक्ष से दूरी को x से प्रदर्शित करते है |

यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है की व्यक्ति के सिर या कहै की बिंदु P  की X-अक्ष से दूरी  Y से निर्देशित करते है जबकि बिंदु की Y-अक्ष से दूरी को  x से निरुपित करते है |